Friday 21 December 2012

पंचायत महिला शक्ति अभियान शुरू, मांगपत्र पेश


झारखंड की महिला पंचायत प्रतिनिधियों ने अपने अधिकारों के लिए राज्यस्तरीय अभियान शुरू कर दिया है। इसका नाम है- पंचायत महिला शक्ति अभियान। 
इसके लिए राज्यस्तर पर महिलाओं की एक कोर कमेटी बनायी गयी है। इसका पहला प्रमंडल स्तरीय सम्मेलन 14 दिसंबर 2012 को हजारीबाग में हुआ। इसमें उपमुख्यमंत्री श्री सुदेश कुमार महतो भी शामिल हुए। इस सम्मेलन में झारखंड की महिला पंचायत प्रतिनिधियों ने अपना एक मांगपत्र पेश किया। जल्द ही रांची में राज्यस्तरीय सम्मेलन में उसे मांगपत्र पर चर्चा होगी।
पंचायत महिला शक्ति अभियान के संबंध में विस्तृत जानकारी, मांग पत्र, कोर कमेटी की सदस्यों की सूची के लिए नीचे दिये गये लिंक पर क्लिक करें-
पंचायत महिला शक्ति अभियान
महिला पंचायत मांग-पत्र
Women Panchayat Charter

Thursday 13 December 2012

परिवार-सरकार एक साथ संभाल रहीं महिला पंचायत प्रतिनिधि


रामगढ़: पंवायत चुनाव ने महिलाओं को घर की चारदिवारी से निकलकर बड़ी जिम्मेवारियां संभालने का सुनहरा अवसर प्रदान किया है। पहली बार बड़ी संख्या में चुनकर आयीं झारखंड की महिला पंचायत प्रतिनिधियों ने अपनी योग्यता और नेतृत्व क्षमता का एहसास भी कराना शुरू कर दिया है। सबसे बड़ी बात यह है कि इन महिला प्रतिनिधियों पर दोहरी जिम्मेवारी आ गयी है। उन्हें पंचायत के जरिये राज्य की तीसरी सरकार को संभालने के साथ ही अपने घर-परिवार को संभालने का दायित्व भी है। आम तौर पर पुरुष जनप्रतिनिधियों को कोई बड़ा दायित्व मिलने के बाद पारिवारिक दायित्वों से कमोबेश मुक्ति मिल जाती है। लेकिन महिलाओं के लिए ऐसा शायद ही संभव हो पाता है।
इसका एक उदाहरण है यह तसवीर। रामगढ़ जिला समाहरणालय में 08-12-12 को महिला पंचायत प्रतिनिधियों की एक कार्यशाला में एक प्रतिनिधि अपने बच्चे को भी संभाल रही हैं। आखिर वह किसके भरोसे घर पर छोड़ दें अपने लाडले को?
महिलाओं के अपसारण या वुमेन ट्रेफिकिंग को रोकने में पंचायत प्रतिनिधियों की भूमिका पर यूएन वुमेन तथा राज्य महिला आयोग द्वारा यह कार्यशाला आयोजित की गयी थी। दीया सेवा संस्थान की सीता स्वांसी एवं बैजनाथ कुमार के नेतृत्व में हुई इस कार्यशाला में झारखंड पंचायत महिला रिसोर्स संेटर के राज्य समन्वयक डाॅ. विष्णु राजगढि़या ने महिला अपसारण रोकने में मीडिया एवं आरटीआइ की उपयोगिता पर प्रकाश डाला। जिला पंचायत पदाधिकारी ने पंचायत प्रतिनिधियों के अधिकारों पर प्रशिक्षण दिया।

कई बार ऐसे प्रशिक्षणों में सहभागियों की वांछित संख्या का अभाव दिखता है। लेकिन इस कार्यशाला में शामिल होने को लेकर महिला प्रतिनिधियों का उत्साह इस बात से समझा जा सकता है कि आयोजकों ने तीस प्रतिभागियों के लिए व्यवस्था की थी जबकि कार्यक्रम प्रारंभ होने से पहले ही लगभग सत्तर प्रतिनिधि आ चुकी थीं। ऐसे में प्रतिभागियों के बैठने के लिए अतिरिक्त कुरसी का इंतजाम करना वहां मौजूद पदाधिकारियों अथवा कर्मचारियों के लिए संभव नहीं हो पर रहा था। इसके कारण कुछ महिला प्रतिनिधियों में निराशा की भी स्थिति देखी गयी। इस संकट का पता लगने पर एक स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता विक्की कुमार ने पहल की और एक टेंट हाउस से 30-40 कुरसियां लाकर सभी प्रतिभागियों को कार्यशाला में शामिल होने की सुविधा प्रदान की।


14 दिसंबर को हजारीबाग में महिला पंचायत प्रतिनिधि सम्मेलन हेतु संदेश


सुदेश कुमार महतो

उपमुख्यमंत्री सह विभागीय मंत्री
ग्रामीण विकास विभाग एवं पंचायती राज विभाग
झारखंड सरकार

झारखंड की पंचायतों की समस्त निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों को जोहार। राज्य के ग्रामीण विकास में पंचायतों की महत्वपूर्ण भूमिका है और मुझे यह कहते हुए प्रसन्नता हो रही है कि झारखंड की 56 प्रतिशत महिला पंचायत प्रतिनिधियों के प्रयासों का सकारात्मक प्रभाव हमें दिखायी देने लगा है।
इस क्रम में ‘पंचायत महिला एवं युवा सशक्तिकरण अभियान’ से हमें काफी उम्मीदें हैं। भारत सरकार ने देश की निर्वाचित महिला पंचायत प्रतिनिधियों के लिए वर्ष 2007 में यह अभियान प्रारंभ किया था। इसका उद्देश्य महिला पंचायत प्रतिनिधियों को अपने अधिकारों एवं कत्र्तव्यों के प्रति जागरूक बनाना है। इसके तहत महिला प्रतिनिधियों को अपनी आवश्यकताओं एवं चुनौतियों के संदर्भ में राज्य सरकार से अपेक्षाओं को चिन्हित करते हुए एक घोषणा-पत्र बनाना है।
झारखंड में हमने कोर कमिटि बनाने तथा उन्मुखीकरण कार्यक्रम के साथ ही इस अभियान की शुरूआत कर दी है। राज्य एवं प्रमंडल स्तरीय सम्मेलनों तथा कोर कमिटि की बैठकों के माध्यम से इस अभियान को सफल बनाने हुए राज्य में महिला पंचायत प्रतिनिधियों की क्षमता-वृद्धि करते हुए उन्हें अपने महत्वपूर्ण दायित्व के अनुकूल सक्षम बनाना ही हमारा लक्ष्य है।
मुझे पूरा भरोसा है कि यह अभियान रंग लायेगा और पंचायतों के माध्यम से राज्य में विकास की नयी रोशनी फैलेगी।
आप सबको मेरी शुभकामना।

पंचायत महिला शक्ति अभियान


पंचायत महिला शक्ति अभियान का उद्देश्य महिला नेतृत्व को निम्नलिखित कार्यों के लिए एक साथ लाना है;

  •  निर्वाचित महिला पंचायत प्रतिनिधि के बतौर अपनी समस्याओं को अभिव्यक्त करना।
  •  अपने सशक्तिकरण हेतु संस्थागत प्रणाली विकसित करने संबंधी मुद्दों पर चर्चा करना।
  • नीतियों व समर्थन की मुख्यधारा में शामिल किए जाने हेतु अपने मुद्दों का एक मांग पत्र बनाना ताकि राज्य एवं त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं की व्यवस्था द्वारा अपनाई गई विकास प्रक्रिया के माध्यम से उनकी चिंताओं का समाधान किया जा सके।
  •  ऊपर से नीचे के क्रम में जिला एवं मंडल पर चयनित महिला प्रतिनिधियों को मिला कर चयनित महिला प्रतिनिधियों के पदाधिकारियों का एक संगठन बनाना । 
  • कोर कमिटि महिला सम्मेलन के आयोजन में मदद करेगी। फिर उनकी समस्याओं को समझ कर उस पर चर्चा कर पंचायत राज की निर्वाचित जन प्रतिनिधियों के लिए एक मांग पत्र तैयार करने में मदद करेगी। 
  • राज्य स्तर पर बनाये गये संघ का लक्ष्य होगा- पंचायत की निर्वाचित महिला जन प्रतिनिधियों के लिए एक राज्य संसाधन केन्द्र के रूप में काम करना। 
  • राज्य एवं प्रमण्डल स्तर पर आयोजित होने वाले सम्मेलनों की मुख्य निष्पत्ति प्रस्तावित मांग पत्र पर चर्चा कर उसे अंतिम रूप देने का होगा। 

कोर कमिटि का गठन
प्रत्येक राज्य में निर्वाचित महिला जन प्रतिनिधियों, समाजकर्मियों एवं गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों को लेकर एक कोर समिति का गठन किया जायेगा।
कोर समिति महिला जन प्रतिनिधियों के लिए उनकी समस्याओं एवं जिम्मेवारियों को देख समझ कर एक मांग पत्र तैयार करेगी।
मांग पत्र राज्य पंचायत महिला शक्ति अभियान को राज्य में क्रियान्वित करने के लिए एक रोड मैप उपलब्ध करायेगी।
कोर कमिटि की भूमिका
राज्य सम्मेलन के आयोजन मे सहयोग।
निर्वाचित महिला जन प्रतिनिधियों के लिए संघ के निर्माण में मदद।
कोर समिति दो बैठक कर संघ के कार्य पद्धति को सुचारू रूप से चलाने में सहयोग करेगी।
एक बार जब संघ सुचारू रूप से काम करना प्रारंभ कर देगा तो समिति की जिम्मेवारी समाप्त हो जायगी एवं यह समिति भी समाप्त हो जायेगी।
सम्मेलन
दो दिवसीय राज्य स्तरीय सम्मेलन में पंचायत राज संस्थानों की निर्वाचित महिला जन प्रतिनिधि उन मुद्दों पर चर्चा करेंगी जो उन्हे एक निर्वाचित प्रतिनिधि के रूप में काम करने में बाधा उत्पन्न करती है।
पहले दिन सिर्फ जिलों से आयी महिला मुखिया अपनी बातें रखेंगी।
दूसरे दिन महिला प्रमुख और जिला परिषद की अध्यक्षा भी चर्चा में शामिल हो जायेंगी।
सम्मेलन की निष्पति / परिणाम
राज्य महिला मांग पत्र को अंतिम रूप प्रदान करना।
महिला निर्वाचित महिला जन प्रतिनिधियों में से संघ के पद धारकों का चयन कर राज्य स्त्तरीय संघ की स्थापना करना।
राज्य संघ
संघ के पदधारकों में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों को भी उचित स्थान मिलना चाहिए।
संघ किसी भी अनिश्चय की स्थिति में निर्वाचित महिला जन प्रतिनिधियों को उचित मार्गदर्शन प्रदान करेगा।
संघ सोसाइटी रजिस्ट्रेशन एक्ट की तहत  एक सोसाइटी के रूप में पंजीकृत होगा।
संघ की भूमिका
लिंग के आधार पर महिलाओं के साथ होने वाले भेदभाव ,बच्चों के शोषण, घरेलू हिंसा अस्पृश्यता एवं ऐसे ही अन्य सामाजिक मुद्दों के खिलाफ आवाज उठाना।
निर्वाचित महिला जन प्रतिनिधियों द्वारा पारित प्रस्ताव को सरकार तक पहुंचाना।
सरकारी कार्यक्रमों मे निर्वाचित महिला जन प्रतिनिधियों का प्रतिनिधित्व करना।
संघ एवं इसकी निर्वाचन प्रक्रिया को सशक्त करना।
निर्वाचित महिला जन प्रतिनिधियों को जानकारी एवं काम के दौरान आने वाली समस्याओं में मदद करना।